इंटरनेट आजकल एक भीड़-भाड़ वाई सब्ज़ी मंडी की तरह हो गया है, जहां हर जानकारी आपका ध्यान खींचने की कोशिश कर रही है ठीक किसी सब्ज़ीवाले की तरह. अब सवाल ये है कि इस जानकारी के समंदर में कितनी चीज़ें वाकई काम की हैं? ये सवाल उतना ही उलझन भरा है जितना कि धुले हुए कपड़ों में से जुराबों की सही जोड़ी ढूंढना. आज के इस एपिसोड में दूरदर्शन के मशहूर एंकर शम्मी नारंग बता रहे हैं कि जानकारी कितने तरह की होती है, इनमें क्या फर्क होता है और सही जानकारी की पहचान कैसे की जाती है?